डांट सकता है
मुझे आसानी से कोई भी
मार सकता है
मुझे आसानी से कोई भी
...चुप करा सकता है
क्योंकि देखो न ..
मेरे नाख़ून उखाड़ लिए उसने
मेरे नुकीले दांत कबाड़ लिए उसने
इस नामर्द व्यवस्था ने मुझे
हिंजड़ा बना छोड़ा है ....
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baherabandh khadaan ka muhada |
कुमार मुकुल की वाल से एक ज़रूरी पोस्ट : अनुरोध शर्मा पहले पांच पन्ने पढ़ते हैं तो लगता है क्या ही खूब किताब है... बेहद शानदार। उपन्यास की मुख्...
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