रचना-संसार
समसामयिक सृजनात्मकता का मंच
शनिवार, 6 अगस्त 2011
majburi
मुझे आसानी से कोई भी
डांट सकता है
मुझे आसानी से कोई भी
मार सकता है
मुझे आसानी से कोई भी
...चुप करा सकता है
क्योंकि देखो न ..
मेरे नाख़ून उखाड़ लिए उसने
मेरे नुकीले दांत कबाड़ लिए उसने
इस नामर्द व्यवस्था ने मुझे
हिंजड़ा बना छोड़ा है ....
baherabandh khadaan ka muhada
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