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Saturday, August 27, 2011

kuchh log

कुछ लोगों ने घोषणा की
हम मालिक हैं
क़ानून हम बनाएंगे
कुछ लोगों ने घोषणा की
हम जनता हैं
...हम हर क़ानून का पालन करने के लिए अभिशप्त हैं
कुछ और लोगों ने ऐलान किया
हम आन्दोलनकारी हैं
कानून हमारे मन-माफिक बनना चाहिए
मालिकों और आंदोलनकारियो में छिड़ी जंग
फलता-फूलता रहा मिडिया
और पिसती रही जनता ...

Thursday, August 18, 2011

 
 
 
 
 
 
हम खुद तय करेंगे
हमें कैसी जेल चाहिए
हम खुद तय करेंगे
हमे कितनी कठोर सज़ा दी जाए
हम खुद तय करेंगे
...हमें कैसी मौत चाहिए
हम अपना संविधान खुद बना लेंगे
हम तुम्हारी संसद को नहीं मानते...
हम तुम्हारे कानूनों को नहीं मानते
ये सब इसलिए
क्योंकि हम अन्ना के समर्थक हैं ...

Saturday, August 6, 2011

majburi

मुझे  आसानी  से  कोई  भी
डांट  सकता  है
मुझे  आसानी  से  कोई  भी
मार  सकता  है
मुझे  आसानी  से  कोई  भी
...चुप  करा  सकता  है
क्योंकि  देखो  न ..
मेरे  नाख़ून उखाड़  लिए उसने  
मेरे  नुकीले   दांत कबाड़  लिए उसने
इस नामर्द  व्यवस्था  ने  मुझे
हिंजड़ा  बना  छोड़ा है ....
baherabandh khadaan ka muhada

Tuesday, August 2, 2011

sanket-8

संकेत का अंक ८ प्रकाशित हुआ है. इसमें वरिस्थ कवि ओम शंकर खरे 'असर' की ग़ज़लें  और कवितायेँ हैं . अंक पाने के लिए अपना पता एस एम् एस करें : ९९०७९७८१०८ पर ...