शनिवार, 31 दिसंबर 2011

शुभकामनाएं


खुश होता हूँ
घिर जाता हूँ
जब अपनों के बीच
पूरा होने लगते हैं
कई अधूरे सपने..
जन्म लेती कई कल्पनाएँ
दिखने लगती संभावनाएं
दोस्तों , आप सभी को
नव वर्ष की शुभकामनाएं ....

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

praja ka gussa

वो आ रहे हैं
लश्कर फौज लेकर
वो आ रहे हैं
बख्तरबंद गाड़ियों की आड़ लेकर
वो आ रहे हैं
... लड़ाकू विमानों में छुपकर
वो आ रहे हैं
संबिधान और कानून का सहारा लेकर
इतनी तैयारिओं के बाद भी
अपनी भूखी नंगी बेबस प्रजा के गुस्से से
वो कितने भयभीत हैं ......

कई चाँद थे सरे आसमां : अनुरोध शर्मा

कुमार मुकुल की वाल से एक ज़रूरी पोस्ट : अनुरोध शर्मा पहले पांच पन्ने पढ़ते हैं तो लगता है क्या ही खूब किताब है... बेहद शानदार। उपन्यास की मुख्...