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Sunday, December 20, 2009

स्मरण नमन

केपी उर्फ़ कुंवरपाल  सिंह 


वह  एक  सजग  बागवान  था  
अच्छी  नस्ल  के  पौधों  की 
देखभाल  तो  सभी  किया  करते  हैं 
वह  सींचता  था  कमज़ोर  पौधों  को 
वह  पौधों  के  अनुकूल  करता  था  वातावरण  तैयार 
वह  पौधों  को  'शेप'   देता  था 


वह  एक  सजग  बागवान  था 
वह  जनता  था  की 
फूल  उसके  किसी  काम  के  नहीं 
फल  से  उसे  मतलब  न  था 
फिर  भी वह  निस्वार्थ 
देखता  था  पौधों  को 
ऐसी  नज़र  से 
जैसे  देखती  हो  माँ 
अपने  बच्चों  को 
                               अनवर सुहैल

1 comment:

  1. Bahot Khoob Anwar Sahib,
    Is khiraj-e-aqidat me hum bhi shamil hain. Kunwarpal Singh Saheb waqai ek sajag baaghbaan they. Unhone na sirf ped-paudhey lagaey balki khar-patwar bhi hataey.
    Ehtram ke saath,
    Sheeba

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