यह अंक महेश चन्द्र पुनेठा की कविताओं पर केन्द्रित है
एक कविता
ये सीढ़ी दार खेत
हाड तोड़ मेहनत के बाद भी
नहीं होता है इनमे
सालभर का अनाज
कभी अतिवृस्ती
कभी अनावृस्ती
बच गयी अगर
प्रकृति की मार से
जंगली जानवरों से बचना
एक संघर्ष है मुश्किल भरा...
सहयोग राशी दस रूपया विशेष सौ रूपया
संपर्क
अनवर सुहैल, टाइप ४/३, बिजुरी, अनुपपुर एम् पी ४८४४४०
nice
ReplyDeleteएक संघर्ष है मुश्किल भरा.....
ReplyDeletelalak rah gayi baaqi..ank kab mil raha hai.