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Friday, May 20, 2011
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बिभूति कुमार झा Anwar Suhail अनवर सुहैल साहेब की लिखी कहानी संग्रह "गहरी जड़ें" पढ़कर अभी समाप्त किया है। बहुत ही सार्थ...
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(रचनासंसार ब्लॉग अब तक मैं सिर्फ अपनी रचनाओं के लिए जारी रक्खे हुए था, लेकिन अब लगता है कि इस ब्लॉग का विस्तार किया जाए. काव्यानुवादक च...
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دہشتگرد پہلے ٹی وی پر اس کی تصاویر دكھلاي گئیں، پھر خبریں - خطوط نے اس کے بارے میں لانتے - ملامتے کی تو شہر کا ماتھا ٹھنكا. '...
'छोटी'' (छोटे नहीं) बहर की प्यारी ग़ज़ल के लिए बधाई...... देख रहा हूँ की इस विधा में भी तुम रमने की सफल कोशिश कर रहे हो. शुभकामना
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत गज़ल
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