रचना संसार : तुम क्या जानो....:
तुम क्या जानो जी तुमको हम कितना 'मिस' करते हैं...
तुम्हे भुलाना खुद को भूल जाना है
सुन तो लो, ये नही एक बहाना है ...
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Sunday, January 19, 2014
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बिभूति कुमार झा Anwar Suhail अनवर सुहैल साहेब की लिखी कहानी संग्रह "गहरी जड़ें" पढ़कर अभी समाप्त किया है। बहुत ही सार्थ...
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(रचनासंसार ब्लॉग अब तक मैं सिर्फ अपनी रचनाओं के लिए जारी रक्खे हुए था, लेकिन अब लगता है कि इस ब्लॉग का विस्तार किया जाए. काव्यानुवादक च...
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دہشتگرد پہلے ٹی وی پر اس کی تصاویر دكھلاي گئیں، پھر خبریں - خطوط نے اس کے بارے میں لانتے - ملامتے کی تو شہر کا ماتھا ٹھنكا. '...
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