वर्ष 2014 के लिये वागीश्वरी पुरस्कारों पर निर्णायकों ने अपना निर्णय दे दिया है।कहानी-उपन्यास विधा में यह पुरस्कार शहडोल ज़िले के अनवर सुहेल को उनके कहानी संग्रह ' गहरी जड़ें ' के लिए,कविता विधा में उज्जैन के नीलोत्पल को उनके कविता संग्रह "पृथ्वी को हमने जड़ें दीं" के लिए,गीत-गज़ल विधा में छिंदवाड़ा के रोहित रूसिया को उनके नवगीत संग्रह ' नदी की धार सी संवेदनायें ' के लिये और अन्य गद्य विधाओं के अंतर्गत भोपाल के आनन्द सिंह को अज्ञेय पर केन्द्रित उनकी पुस्तक ' सन्नाटे का छंद ' के लिये दिया जाना निश्चित हुआ है।वर्ष 2014 एवं 2015 के भवभूति अलंकरण तथा वर्ष 2013 के वागीश्वरी पुरस्कारों के साथ ये पुरस्कार भी आगामी 3 मई को भोपाल में आयोजित समारोह में प्रदान किये जायेंगे।विजेता रचनाकारों को ' सम्मेलन ' की ओर से बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
Total Pageviews
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
बिभूति कुमार झा Anwar Suhail अनवर सुहैल साहेब की लिखी कहानी संग्रह "गहरी जड़ें" पढ़कर अभी समाप्त किया है। बहुत ही सार्थ...
-
आईआईटी खड़गपुर यंग इनोवेटर प्रोग्राम के पहले दौर के लिए आवेदन स्वीकार कर रहा है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 12 दिसंबर, 2024 है। यह कार्यक्रम का ...
-
साक्षात्कार कर्ता नित्यानंद गायेन के साथ अनवर सुहैल अनवर सुहैल से नित्यानंद गायेन की बातचीत कवि / उपन्यासकार एवं संपादक के तौर प...
No comments:
Post a Comment