ख़ुशी-ख़ुशी बैनर पोस्टर उठाये
हलक फाड़ कर नारेबाजी करते
इनके-उनके रोड शो का हिस्सा बनते
जाने क्यों नौकरी नहीं मांगते युवा
हलक फाड़ कर नारेबाजी करते
इनके-उनके रोड शो का हिस्सा बनते
जाने क्यों नौकरी नहीं मांगते युवा
चिडचिडाते रहें माँ-बाप
कोई फर्क नहीं पड़ता उन्हें
आवारा मवेशियों की तरह
प्राइम टाइम में
नगर के गलियों-चौराहों पर
इधर-उधर नौकरी बजाते से टीप-टॉप युवा
हर युवक के पास है एक अदद यूजी
बहुतों के पास पीजी भी...
कोई फर्क नहीं पड़ता उन्हें
आवारा मवेशियों की तरह
प्राइम टाइम में
नगर के गलियों-चौराहों पर
इधर-उधर नौकरी बजाते से टीप-टॉप युवा
हर युवक के पास है एक अदद यूजी
बहुतों के पास पीजी भी...
देश जिस युवा शक्ति के बल पर
बनना चाहता है महाशक्ति
उन युवाओं की कितनी कम मांगें हैं
उन्हें चाहिए बस एक फोर जी मोबाइल सेट
खूब सारा सस्ता अनलिमिटेड डाटा प्लान
पोर्न साइट्स से समय बचे तो
व्हाट्सएप विश्व-विद्यालय से
फ़ॉर्वर्डेड ज्ञान की जुगाली
जेब में इतने ही पैसे
कि कभी-कभार
नशा-खोरी विथ बिरयानी का हो जाए जुगाड़
बनना चाहता है महाशक्ति
उन युवाओं की कितनी कम मांगें हैं
उन्हें चाहिए बस एक फोर जी मोबाइल सेट
खूब सारा सस्ता अनलिमिटेड डाटा प्लान
पोर्न साइट्स से समय बचे तो
व्हाट्सएप विश्व-विद्यालय से
फ़ॉर्वर्डेड ज्ञान की जुगाली
जेब में इतने ही पैसे
कि कभी-कभार
नशा-खोरी विथ बिरयानी का हो जाए जुगाड़
तीन टाइम का खाना तो माँ-बाप खिलाएंगे ही
इस बीच किसी करमजले ने पसंद कर लिया
तो फिर धूमधाम से हो ही जायेगी शादी
शादी के बाद ऐश ही ऐश
कराएं डिलेवरी पैरेंट्स
या करा दें कुछ साल बाद बहू की नसबंदी
कोई फर्क नहीं पड़ता
नौकरी मिलने से रही
इस बीच किसी करमजले ने पसंद कर लिया
तो फिर धूमधाम से हो ही जायेगी शादी
शादी के बाद ऐश ही ऐश
कराएं डिलेवरी पैरेंट्स
या करा दें कुछ साल बाद बहू की नसबंदी
कोई फर्क नहीं पड़ता
नौकरी मिलने से रही
मठों-मजारों में मत्था टेकते माँ-बाप
थक-हार कर कुनमुनाते रहें
ये तो अच्छा है कि नगर में
किसी न किसी कारण
होते रहते हैं चुनाव
नगर निकाय हो या विधान-सभा
नगर पंचायत हो या लोकसभा
कुछ युवा सत्तापक्ष के साथ
कुछ विपक्ष के साथ
कुछेक विक्षुब्धों के साथ
बचे-खुचे निर्दलियों के साथ
इससे अधिक बेकार युवा
कहाँ रहते हैं किसी नगर में
थक-हार कर कुनमुनाते रहें
ये तो अच्छा है कि नगर में
किसी न किसी कारण
होते रहते हैं चुनाव
नगर निकाय हो या विधान-सभा
नगर पंचायत हो या लोकसभा
कुछ युवा सत्तापक्ष के साथ
कुछ विपक्ष के साथ
कुछेक विक्षुब्धों के साथ
बचे-खुचे निर्दलियों के साथ
इससे अधिक बेकार युवा
कहाँ रहते हैं किसी नगर में
है कि नहीं...?
No comments:
Post a Comment