कितना ज़हर भरा है तुममें
बार-बार डसने पर भी
खत्म नहीं होता है विष
दांतों के खोहों में तुमने
कितना ज़हर छुपा रक्खा है?
बार-बार डसने पर भी
खत्म नहीं होता है विष
दांतों के खोहों में तुमने
कितना ज़हर छुपा रक्खा है?
अब तक तुम करते रहते थे
ढेरों प्यार-मनुहार की बातें
गंगा-जमुनी तहजीब की बातें
सतरंगी दुनिया की बातें
हम सब कितना खुश थे भाई
गलबहियों और बतकहियों के
कितने अच्छे दिन बीते हैं
ढेरों प्यार-मनुहार की बातें
गंगा-जमुनी तहजीब की बातें
सतरंगी दुनिया की बातें
हम सब कितना खुश थे भाई
गलबहियों और बतकहियों के
कितने अच्छे दिन बीते हैं
इधर हुआ क्या बोलो भाई
तुमने ज़हर उगलना सीखा
हमनें डरना-बचना सीखा
देखो-देखो, इस जहान में
नफरत की ज्वाला भड़की है
कत्लो-गारत, आगज़नी से
घर भी जले हैं दिल भी जले
तुमने ज़हर उगलना सीखा
हमनें डरना-बचना सीखा
देखो-देखो, इस जहान में
नफरत की ज्वाला भड़की है
कत्लो-गारत, आगज़नी से
घर भी जले हैं दिल भी जले
कितनी वहशी सोच तुम्हारी
कितने बर्बर स्वप्न देखते
ऐसा हरगिज कभी न होगा
नफरत के इस मकड़जाल में
जब तक तुम यूं फंसे रहोगे
केवल तुम भर बचे रहोगे
बेशक तुम ही बचे रहोगे।
कितने बर्बर स्वप्न देखते
ऐसा हरगिज कभी न होगा
नफरत के इस मकड़जाल में
जब तक तुम यूं फंसे रहोगे
केवल तुम भर बचे रहोगे
बेशक तुम ही बचे रहोगे।
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