Total Pageviews

Thursday, October 24, 2019

किताब की दुकान





हमारे मासूम ख्वाबों में
इन किताब की गुमटियों की
कितनी बड़ी जगह हुआ करती थी
जेबें खाली हों तब भी
किताबों के मुखपृष्ठ को
और अंदर छुपी कहानियों को
कितनी ललचाई निगाहों से सोखते थे हम
दुकानदार को मानते थे
कितना भाग्यशाली हम
जो जब चाहे जिस किताब को
घूँट-घूँट पी सकता था
और एक हम जो एक अरसे बाद ही
देख पाते थे झलक किताब के दुकान की

No comments:

Post a Comment