घर से निकला
तो दुखी था इतना
कि ऐसा क्यों होता है
सिर्फ मेरे साथ ही
क्यों हमेशा ली जाती है परीक्षा
मेरे धैर्य की , मेरी योग्यता की
वहाँ पहुंचा तो
तो लोगों की कतार देख
मेरा दुःख हुआ हल्का
चलो अच्छा है
कि वहां मैं अकेला नहीं था
मेरे सिवा वहां
और भी थे दुर्भागी....
achhee kavita
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