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Wednesday, October 24, 2012
saboot / सबूत
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बिभूति कुमार झा Anwar Suhail अनवर सुहैल साहेब की लिखी कहानी संग्रह "गहरी जड़ें" पढ़कर अभी समाप्त किया है। बहुत ही सार्थ...
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09 अक्टूबर 1964 को छत्तीसगढ़ के जांजगीर में जन्में अनवर सुहैल जी के अब तक दो उपन्यास , तीन कथा संग्रह और एक कविता संग्रह प्रकाशित हो च...
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आदमी की पहचान क्या है? उसकी जाति? मज़हब? पद, प्रतिष्ठा, या काबिलियत? आदमी इन द्वंद ्वों में जीता रहा है। सामंती समाजों में जाति ...
एक अच्छी कविता।
ReplyDeleteबेहतरीन ....
ReplyDeleteमित्र,एक विचार पैदा करने वाली कविता,जो सोचने पर मजबूर करती है,कि,क्या आज का इन्सान भूल गया है उसके अपने खून के रंग के बारे में?
ReplyDeleteजब दिल जलता है तो ऐसी ही कविता मजबूर होकर कवी लिखने लगता है !
बकरीद के इस पाक दिन पर आप इस दोस्त का मुबारक कुबूल करे !
आदाब