मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

chalo achcha hua













चलो अच्छा हुआ


तुमने खुद कर लिया किनारा



तुमने खुद छुडा लिया दामन
तुमने खुद बचा लिया खुद को

..................................मुझसे

मेरी परछाई भी अब

नही पड़ेगी तुम पर

तुम निश्चिन्त रहो

कागज़ के उन पन्नों से क्यों डरते हो

वे तो मैं नष्ट कर दूँगा

उन तस्वीरों से क्यों डरते हो

उन्हें मैं जला दूँगा

हाँ, यादें मेरी अपनी जागीर हैं

यादें मेरे साथ दफ़न होंगी

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