पुराने लोग कहते हैं
भरता है पाप का घडा
एक दिन ज़रूर
अन्याय का होता है अंत
और मजलूम जनता के दुःख-दर्द
दूर हो जाते हैं उस दिन...
पुराने लोग कहते हैं
इंसान को दुःख से
नहीं चाहिए घबराना
कि सोना भी निखरता है
आग में तप-कर
रंग लाती है हिना
पत्थर में घिस जाने के बाद....
पुराने लोग कहते हैं
दुनिया की दुःख-तकलीफें
सब्र के साथ सह जाना चाहिए
इससे परलोक संवारता है...
पुराने लोगों की बातें
समझ में नहीं आतीं
नई पीढ़ी को अब
उनमें नहीं है
चुपचाप
अत्याचार सहने का
नपुंसक विवेक
यही कारण है
नई पीढ़ी ने गढ़ लिए
नए मुहावरे
नए हथियार
जालिमों होशियार!
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