हर दिन हर पल
कुछ न कर पाने के
बहाने खोजना
हर दिन हर पल
कुछ न कुछ हाथ से
छूट जाने का गम मनाना
हर दिन हर पल
कल से सब कुछ
ठीक कर लिए जाने के
खुद से वादे करना
यही तो हो रहा है मेरे साथ
क्या आप भी इसी बीमारी से ग्रस्त हैं...?
वो आ रहे हैं
लश्कर फौज लेकर
वो आ रहे हैं
बख्तरबंद गाड़ियों की आड़ लेकर
वो आ रहे हैं
लड़ाकू विमानों में छुपकर
वो आ रहे हैं
संबिधान और कानून का सहारा लेकर
इतनी तैयारिओं के बाद भी
अपनी भूखी नंगी बेबस प्रजा के गुस्से से
वो कितने भयभीत हैं ......
Total Pageviews
Friday, August 3, 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
बिभूति कुमार झा Anwar Suhail अनवर सुहैल साहेब की लिखी कहानी संग्रह "गहरी जड़ें" पढ़कर अभी समाप्त किया है। बहुत ही सार्थ...
-
09 अक्टूबर 1964 को छत्तीसगढ़ के जांजगीर में जन्में अनवर सुहैल जी के अब तक दो उपन्यास , तीन कथा संग्रह और एक कविता संग्रह प्रकाशित हो च...
-
(रचनासंसार ब्लॉग अब तक मैं सिर्फ अपनी रचनाओं के लिए जारी रक्खे हुए था, लेकिन अब लगता है कि इस ब्लॉग का विस्तार किया जाए. काव्यानुवादक च...
No comments:
Post a Comment