पैर के तलवे की तस्वीरों ने जैसे
सोख लिए हों अचानक जीवन से
तमाम तरह के रस और आस्वाद
बेहद कडुवा-कसैला और चिडचिडा
होता गया है मन और मिजाज़
ऐसे में आज के दिन दोस्तों
बेहतर है खामोश ही रहा जाए...
(महाराष्ट्र के किसानों की पदयात्रा संघर्ष)
इसी तारतम्य में कुछ और विचार :
भक्त परेशान हैं कि कोई तमाशा न हुआ
ये कोई भीड़ नहीं थी महज़ इक आंधी थी
हक़ की यह जंग अभी और लड़ी जायेगी
धरती-पुत्रों ने फ़कत राह तलाशी है अभी।
(किसान आंदोलन, मार्च २०१८)
ये कोई भीड़ नहीं थी महज़ इक आंधी थी
हक़ की यह जंग अभी और लड़ी जायेगी
धरती-पुत्रों ने फ़कत राह तलाशी है अभी।
(किसान आंदोलन, मार्च २०१८)
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