सम्मानित हो रहे वे
जो ताने-उलाहने और गालियाँ दे रहे
प्रतिष्ठित हो रहे वे
जो भीड़ की शक्ल में धमका रहे
और कर रहे आगज़नी, लूटपाट
पुरुस्कृत हो रहे वे
जो बलजबरी आरोप लगाकर
कर रहे मारपीट और हत्याएं
जो ताने-उलाहने और गालियाँ दे रहे
प्रतिष्ठित हो रहे वे
जो भीड़ की शक्ल में धमका रहे
और कर रहे आगज़नी, लूटपाट
पुरुस्कृत हो रहे वे
जो बलजबरी आरोप लगाकर
कर रहे मारपीट और हत्याएं
ऐसे लोगों की बढती जा रही तादाद
छिटपुट चिंताएं और भर्त्सना के शब्द
किसी भी तरह से नहीं पायेंगे भरपाई
देखो तो सही कितनी बेरहमी से
आईने चटक कर टूट रहे हैं
और इन कांच के टुकड़ों में
पेवस्त चेहरों से टपक रहा खून
छिटपुट चिंताएं और भर्त्सना के शब्द
किसी भी तरह से नहीं पायेंगे भरपाई
देखो तो सही कितनी बेरहमी से
आईने चटक कर टूट रहे हैं
और इन कांच के टुकड़ों में
पेवस्त चेहरों से टपक रहा खून
इस दुर्दांत समय में कुछ लोग गुपचुप
अपने-अपने खुदाओं का शुकराना अदा कर रहे
कि उन्हें नहीं पड़ रही गालियाँ
कि बचे हैं अब तक उनके घर आगजनी से
कि उन्हें नहीं खोज रहे हत्यारे
अपने-अपने खुदाओं का शुकराना अदा कर रहे
कि उन्हें नहीं पड़ रही गालियाँ
कि बचे हैं अब तक उनके घर आगजनी से
कि उन्हें नहीं खोज रहे हत्यारे
सांत्वना देते हैं कुछ लोग
ऐसा हमेशा नहीं होता रहेगा
ठंडा जायेंगे लोग तो सब कुछ हो जाएगा
एकदम पहले जैसा ही
भले से ऐसी बाते करने हैं इने-गिने ही
लेकिन ढाढ़स बंधाते इन शब्दों के मरहम से
तुम्हें क्या पता हमारे कमजोर दिलों को
कितना सुकून मिलता है
तुम ऐसे ही बतियाते रहना दोस्त
कि तुम्हारी बातें मरहम है हमारे लिए....
ऐसा हमेशा नहीं होता रहेगा
ठंडा जायेंगे लोग तो सब कुछ हो जाएगा
एकदम पहले जैसा ही
भले से ऐसी बाते करने हैं इने-गिने ही
लेकिन ढाढ़स बंधाते इन शब्दों के मरहम से
तुम्हें क्या पता हमारे कमजोर दिलों को
कितना सुकून मिलता है
तुम ऐसे ही बतियाते रहना दोस्त
कि तुम्हारी बातें मरहम है हमारे लिए....
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