रचना-संसार
समसामयिक सृजनात्मकता का मंच
रविवार, 15 जनवरी 2012
हड्डियों में घुसे जा रहे
बर्फीली हवाओं के तीर
ग़रीब तो मारे जा रहे
उठा रहे आनंद अमीर
और दे रहे तर्क की भाई
जिसकी जैसी तकदीर... !!
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