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Sunday, September 2, 2012
कितनी बार लोगे परीक्षा
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बिभूति कुमार झा Anwar Suhail अनवर सुहैल साहेब की लिखी कहानी संग्रह "गहरी जड़ें" पढ़कर अभी समाप्त किया है। बहुत ही सार्थ...
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09 अक्टूबर 1964 को छत्तीसगढ़ के जांजगीर में जन्में अनवर सुहैल जी के अब तक दो उपन्यास , तीन कथा संग्रह और एक कविता संग्रह प्रकाशित हो च...
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आदमी की पहचान क्या है? उसकी जाति? मज़हब? पद, प्रतिष्ठा, या काबिलियत? आदमी इन द्वंद ्वों में जीता रहा है। सामंती समाजों में जाति ...
हमने भी मिटटी सानी है
ReplyDeleteहमने भी गारा ढोया है
हमने भी ईंटें जोड़ी हैं
तभी बना ये घर हम सबका...
कितने कम दिन होते हैं
धरती पर मानव-जीवन के
चैन से हमको रहने दे दो
छोटे-मोटे दुःख सहने दो...बहुत खूब भैया