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हिना फिरदौस मेरी बिटिया |
वह बोलती
रेखाओं की भाषा
जीवन की
इक नई परिभाषा
देती पिता को
भरपूर दिलासा
पापा
"मुझमे है आशा ही आशा!"
कुमार मुकुल की वाल से एक ज़रूरी पोस्ट : अनुरोध शर्मा पहले पांच पन्ने पढ़ते हैं तो लगता है क्या ही खूब किताब है... बेहद शानदार। उपन्यास की मुख्...
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