रचना-संसार
समसामयिक सृजनात्मकता का मंच
शनिवार, 19 जनवरी 2013
आशा
हिना फिरदौस मेरी बिटिया
वह बोलती
रेखाओं की भाषा
जीवन की
इक नई परिभाषा
देती पिता को
भरपूर दिलासा
पापा
"मुझमे है आशा ही आशा!"
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