शुक्रवार, 31 अगस्त 2012
कोयला
बुधवार, 29 अगस्त 2012
झख मार रहा हूँ
मंगलवार, 28 अगस्त 2012
गुरुवार, 16 अगस्त 2012
क्रान्ति या भ्रान्ति
शुक्रवार, 3 अगस्त 2012
हर दिन हर पल
हर दिन हर पल
कुछ न कर पाने के
बहाने खोजना
हर दिन हर पल
कुछ न कुछ हाथ से
छूट जाने का गम मनाना
हर दिन हर पल
कल से सब कुछ
ठीक कर लिए जाने के
खुद से वादे करना
यही तो हो रहा है मेरे साथ
क्या आप भी इसी बीमारी से ग्रस्त हैं...? वो आ रहे हैं
लश्कर फौज लेकर
वो आ रहे हैं
बख्तरबंद गाड़ियों की आड़ लेकर
वो आ रहे हैं
लड़ाकू विमानों में छुपकर
वो आ रहे हैं
संबिधान और कानून का सहारा लेकर
इतनी तैयारिओं के बाद भी
अपनी भूखी नंगी बेबस प्रजा के गुस्से से
वो कितने भयभीत हैं ......
कुछ न कर पाने के
बहाने खोजना
हर दिन हर पल
कुछ न कुछ हाथ से
छूट जाने का गम मनाना
हर दिन हर पल
कल से सब कुछ
ठीक कर लिए जाने के
खुद से वादे करना
यही तो हो रहा है मेरे साथ
क्या आप भी इसी बीमारी से ग्रस्त हैं...? वो आ रहे हैं
लश्कर फौज लेकर
वो आ रहे हैं
बख्तरबंद गाड़ियों की आड़ लेकर
वो आ रहे हैं
लड़ाकू विमानों में छुपकर
वो आ रहे हैं
संबिधान और कानून का सहारा लेकर
इतनी तैयारिओं के बाद भी
अपनी भूखी नंगी बेबस प्रजा के गुस्से से
वो कितने भयभीत हैं ......
gumshuda-chehre
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