शनिवार, 28 सितंबर 2013

अधूरी लड़ाइयों की दास्ताँ

एक धमाका 
फिर कई धमाके 
भय और भगदड़....
इंसानी जिस्मों के बिखरे चीथड़े 
टी वी चैनलों के ओ बी वेन 
संवाददाता, कैमरे, लाइव अपडेट्स 
मंत्रियों के बयान 
कायराना हरकत की निंदा 
मृतकों और घायलों के लिए अनुदान की घोषणाएं 
इस बीच किसी आतंकवादी संगठन द्वारा 
धमाके में लिप्त होने की स्वीकारोक्ति
पाक के नापाक साजिशों का ब्यौरा
सी सी टी वी कैमरे की जांच
मीडिया में हल्ला, हंगामा, बहसें
गृहमंत्री, प्रधानमन्त्री से स्तीफे की मांग
दो-तीन दिन तक यही सब कुछ
फिर अचानक किसी नाबालिग से बलात्कार
किसी रसूखदार की गिरफ्तारी के लिए
सड़कों पर धरना प्रदर्शन
मोमबत्ती मार्च....
फिर कोइ नया शगूफा
फिर कोई नया विवाद
कितनी जल्दी भूल जाते हैं हम
अपनी लड़ाइयों को
कितनी जल्दी बदल लेते हैं हम मोर्चे....
अधूरी लड़ाइयों का दौर है ये
अधूरे ख़्वाबों के जंगल में
भटकने को मजबूर हैं सिपाही....

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