स्व कृष्ण बलदेव वैद का सुभाशीष मुझे "बिलौटी" कहानी के लिए मिला था।
श्रद्धांजलियह कहानी समय प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित "कुंजड-कसाई" कथा संग्रह में शामिल है।
कुमार मुकुल की वाल से एक ज़रूरी पोस्ट : अनुरोध शर्मा पहले पांच पन्ने पढ़ते हैं तो लगता है क्या ही खूब किताब है... बेहद शानदार। उपन्यास की मुख्...
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