गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

ख़ामोशी का अनुवाद

 जब सब बोल रहे थे, चहक रहे थे

मैंने उस दिन खामोश रहके देखा 


वक़्त निकाला खुद से बतियाने के लिए

जाने कितनी बतकहियाँ थीँ

कितने किस्से थे, ख्वाब थे दरमियाँ


खुद में गुम मैं खामोश था 

मेरे इर्द-गिर्द इक शोर था

हर तरह की आवाज़ों से लबरेज़, 

कर्कश इतना कि रूह छिल जाए 


खुदा का शुक्र है मुझमें हुनर है 

इस शोर को नज़रअंदाज़ करने का 

मैं इस हुनर को बेचता नहीं हूँ

जबकि इसके खरीदार बहुत हैं


सब बोल रहे हैं और मैं चुप हूँ

खुद से बातें करने में मगन हूँ

इस उम्मीद में हूँ कि तुम तक 

पहुंच जाए अनुवाद 

मेरी खामोशी का।।।।

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